कई सफलताओं के बाद पहली असफलता की कहानी और उसका सलीम-जावेद की जोड़ी पर असर। क्या हुआ जब उनकी साझेदारी में दरार आई और उनकी निजी जिंदगी में भी उथल-पुथल हुई। अलग होने के बाद की ज़िन्दगी और परिवारों की एक झलक साथ ही नज़र इस पर भी कि आज के हिंदी फिल्म लेखकों की क्या स्थिति है और क्या अब यह लिखने का सफर कुछ आसान हुआ है?