सियोंग-आ दिन में छात्रा है और रात में ओझा। दूसरे उसे नीचा दिखाते हैं क्योंकि उसका सरोकार भूतों से है, पर वह मुस्कुराकर डटी रहती है। वह अलग होने की आदी है। आकर्षक ग्यॉन्ग-यू हवा में एक मोमबत्ती की तरह है, दुर्भाग्य से ग्रस्त, और सियोंग-आ उसकी रक्षा करने की क़सम खाती है जिस दिन वह उसके तंत्र-कक्ष में उल्टा लटककर दाख़िल होता है। यह कहानी है पहले प्यार की - और कैसे प्यार सब पर विजय प्राप्त करता है।